नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए वोटिंग में आए कुछ सदस्यों को एक दल द्वारा उठाए जाने संबंधी प्रार्थनापत्र में न्यायालय पहुंचे दस सदस्यों को हाईकोर्ट सुरक्षा में मतदान करने के आदेश दिए। न्यायालय ने एस.एस.पी.को पांच अपहृत सदस्यों को तलाशकर वोट करवाने को कहा और शाम 4:30बजे जिलाधिकारी के साथ न्यायालय में उपस्थित होने को कहा।
नैनीताल के जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए आज 27 चयनित सदस्य मतदान करने वाले थे। खबर आई कि सवेरे कुछ सदस्यों का अपहरण कर लिया गया है। इस बात को लेकर कांग्रेस समर्थित पक्ष दस सदस्यों को लेकर उच्च न्यायालय पहुंचे। न्यायालय ने डी.एम.वंदना सिंह और एस.एस.पी.प्रह्लाद नारायण मीणा को ऑनलाइन तलब किया। दोनों ऑनलाइन उपस्थित हुए। नैनीताल लोकल गाइड
न्यायालय ने याची के अधिवक्ता अवतार सिंह रावत और डी.एस. मेहता के साथ महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और सी.एस.सी.चंद्रशेखर सिंह रावत को सुना। न्यायालय ने न्यायालय में उपस्थित देवकी बिष्ट, पूनम बिष्ट, पुष्पा नेगी, निधि जोशी, अनीता आर्या, जिशान्त कुमार, अर्नव कंबोज, मीना देवी, हेम चंद नैनवाल और संजय बोहरा को हाई कोर्ट की सुरक्षा में पोलिंग बूथ तक ले जाने को कहा है। इसके लिए हाई कोर्ट के सी.ओ.रमेश बिष्ट को जिम्मेदारी सौंपी है।
न्यायालय को बताया गया कि पांच सदस्य शहर से बाहर हैं, जिन्हें लाने के लिए न्यायालय ने एस.एस.पी.को कहा। आरोप लगाया कि दिन दोपहरी पुलिस और सत्ता के लोग सदस्यों को मार रहे हैं और उठा कर ले जा रहे हैं। न्यायालय ने कहा कि एस.एस.पी.व डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी है किसी भी प्रकार का वॉलेंस को रोकने की। महाधिवक्ता ने कहा कि हम स्तब्ध हैं कि कैसे राजनीतिक लोग न्यायालय में आकर धमकाते हैं और न्यायालय को प्रेशर में लेकर निर्णय अपने पक्ष में करवाते हैं।
इसपर मुख्य न्यायधीश ने कहा कि यहां तो बार के सम्मानित अधिवक्तागण आए हैं जो अपनी बात रख रहे हैं। न्यायालय ने एसएसपी और डी.एम. को 4:30बजे आने को कहा गया है।
