उत्तराखण्ड

नगर पंचायत चुनाव लालकुआं को लेकर नई अपडेट……….. प्रबल दावेदारों की सूची………… लालकुआं के जातिगत आंकड़ों का गणित………..

लालकुआं। आगामी नवम्बर माह में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज होने लगी है। लालकुआं नगर पंचायत क्षेत्र से इस बार लगभग आधा दर्जन प्रबल संभावित दावेदार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच मुख्य मुकाबला अब तक रहा है। लगभग 56 सौ मतदाताओं वाली लालकुआं नगर पंचायत सीट लालकुआं विधानसभा की एकमात्र नगर पंचायत सीट है, जहां प्रत्येक चुनाव में तमाम प्रत्याशियों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलता है। चुनाव को अभी 2 माह बाकी हैं, परंतु विभिन्न दलों एवं निर्दलीय प्रत्याशियों ने अभी से अपने पक्ष में जनसंपर्क करना शुरू कर दिया है। भले ही अभी इस सीट को लेकर संशय बरकरार है, इसके बावजूद तमाम आरक्षित वर्ग व सामान्य दावेदार इस बार लालकुआं सीट को अपने हिसाब की मानकर चल रहे हैं। यदि यह सीट पिछली बार की तरह इस बार भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई तो यहां से कांग्रेस से लाल चंद्र सिंह जो कि वर्तमान चेयरमैन है व एवं भारतीय जनता पार्टी से अरुण प्रकाश बाल्मीकि और आम आदमी पार्टी से महेंद्र कुमार बाल्मीकि प्रमुख रूप से दावेदार होंगे। इस बार लालकुआं सीट को ओबीसी सीट के रूप में आरक्षित करने की भी चर्चा बन रही है, यदि लालकुआं नगर पंचायत सीट को ओबीसी के रूप में आरक्षित किया गया, तो इस सीट से चुनाव लड़ने वालों में ओबीसी कोटे के अब तक दावेदारी के रूप में जो सामने आए हैं उनमें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता चौधरी सर्वदमन सिंह, भाजपा मंडल महामंत्री सुरेंद्र लोटनी और नगर पंचायत की सभासद राजलक्ष्मी पंडित प्रमुख रूप से दावेदार हैं, वहीं कांग्रेस से समाजसेवी अजय चौधरी और नगर के वरिष्ठ व्यवसायी कमलेश यादव दावेदार है, परंतु यह सीट सामान्य रही तो इस बार इस सीट में बहुत ही दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा, भारतीय जनता पार्टी से जहां वरिष्ठ भाजपा नेता हेमंत नरूला, व्यापार मंडल के अध्यक्ष दीवान सिंह बिष्ट, पिछले लंबे समय से कई वार्डों में सभासद रहे और वर्तमान में भाजपा मंडल अध्यक्ष धन सिंह बिष्ट और युवा नेता बॉबी सम्बल इस सीट से दावेदारी जता रहे हैं, तथा कांग्रेस पार्टी से पूर्व चेयरमैन रामबाबू मिश्रा, पूर्व चेयरमैन कैलाश चंद्र पंत, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पुत्र रविशंकर तिवारी, पूरन सिंह रजवार और पिछली बार कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़े भुवन पांडे दावेदार रहेंगे। जबकि बतौर निर्दलीय ताल ठोकने वालों में गत विधानसभा चुनाव में हरीश रावत से मुकाबला करने वाले पूर्व चेयरमैन पवन चौहान और व्यापारी नेता जगदीश प्रसाद अग्रवाल तथा वरिष्ठ समाजसेवी पीयूष मिश्रा भी अपनी मजबूत दावेदारी कर रहे हैं।
नगर पंचायत चुनाव में चेयरमैन पद के लिए दावेदारी कर रहे भाजपा से जुड़े नेताओं का कहना है कि लालकुआं नगर का विकास भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दौरान ही हुआ है, तथा भाजपा सरकार ने ही लालकुआं के लोगों को मालिकाना हक दिया, तथा बाईपास का निर्माण भी यही सरकार करवाएगी। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि लालकुआं के विकास के लिए कृत संकल्प हैं। भाजपा नेता कहते है कि लालकुआं क्षेत्र के समग्र विकास के लिए भारतीय जनता पार्टी ही एकमात्र विकल्प है, क्षेत्रीय विधायक डॉ मोहन बिष्ट के नेतृत्व में लालकुआं का चहुमुखी विकास कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि लालकुआं में बिजली और पेयजल के लिए वृहद स्तर पर योजना आयी है, जिसके बाद क्षेत्र की बिजली पानी की समस्या का लगभग समाधान हो जाएगा।
वहीं कांग्रेस पार्टी के दावेदारों का कहना है कि भाजपा सरकार के दौरान लालकुआं का विकास एकदम रुक गया है, आज तक बाईपास की कार्रवाई नहीं हो पाई और न हीं मालिकाना हक लोगों को मिला है।
लालकुआं नगर में मतदाताओं की संख्या देखी जाए तो कुल मतदाताओं की संख्या 5600 है, जिसमें सबसे अधिक पर्वतीय मतदाता है, पर्वतीय मतदाताओं की संख्या 1820 है, मुस्लिम मतदाता 1120 है, पूर्वांचल क्षेत्र के कुल मतदाताओं की संख्या देखी जाए तो कल 1540 है, जिसमें 740 पूर्वांचल के और बरेली, बदायूं, पीलीभीत, समेत उत्तराखंड से लगी सीमा से रहने वालों की संख्या 800 है, नगर पंचायत क्षेत्र में निवास करने वाले पंजाबी मतदाताओं की संख्या 430 है, वैश्य समाज के लोगों की संख्या 500 है।
उत्तराखंड सरकार वैसे तो नवंबर माह में चुनाव कराने की बात कह रही है, परंतु इसे लोकसभा चुनाव तक के लिए टाला भी जा सकता है, वैसे उत्तराखंड में 2 दिसंबर तक सरकार को स्थानीय निकाय चुनाव कराने होंगे, यदि इस अवधि में चुनाव नहीं होते हैं तो 2 दिसंबर के बाद प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे, जो कि उप जिलाधिकारी होंगे। लेकिन फिलहाल नवंबर में चुनाव होने की उम्मीद अभी खत्म नहीं हुई है।

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