उत्तराखण्ड

उद्योगपति प्रवासी उत्तराखंडी दंपति ने अपने पैतृक गांव में पलायन रोकने और विकास योजनाओं को नई गति देने के लिए लिया यह महत्वपूर्ण निर्णय……………… मुख्य विकास अधिकारी ने दिया यह आश्वासन………………

देवभूमि उत्तराखंड के समग्र विकास एवं ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए महानगरों में बस कर विभिन्न उद्योग चला रहे प्रवासी उत्तराखंडी अपने पैतृक गांव में जाकर वहां से पलायन रोकने तथा गांव में स्वरोजगार स्थापित करने के लिए दूरस्थ गांव में भी उद्योग लगाने के लिए राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से सहयोग मांग रहे हैं, ऐसा ही कार्य लखनऊ शहर के एमसी एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक एमपी भट्ट और पुष्पा भट्ट ने अपने पैतृक गांव में कर दिखाने का संकल्प लिया है, भट्ट दंपति ने टिहरी जनपद के ग्राम भद्रासु और झन्नू मैं टिहरी जनपद के मुख्य विकास अधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी के साथ गांव में विकास के नए आयाम स्थापित करने के लिए गांव में ही संयुक्त सर्वे करने के साथ-साथ विस्तृत बैठक भी की। लखनऊ में स्वास्थ्यवर्धक पेय समेत जैविक खेती के द्वारा कई प्रदेशों के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाले लखनऊ निवासी एमपी भट्ट और पुष्पा भट्ट अपने पैतृक गांव जनपद टिहरी के भद्रासु गए हुए है, वह गांव के युवाओं से स्वरोजगार पर चर्चा कर ही रहे थे इसी बीच वहां डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, टिहरी के सीडीओ, तहसील देवप्रयाग के भद्रासु और झन्नू गाँवों के निरीक्षण पर पहुंच गए, जहाँ उन्होंने क्षेत्रीय विकास को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें स्थानीय उन्नति और स्थायी कृषि प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करने पर बातचीत की। बैठक में पहुंचे लखनऊ के एमसीबी एग्रोटेक पी.लिमिटेड के निदेशक एमपी. भट्ट और श्रीमती पुष्पा भट्ट ने दूरस्थ गांव में अपने उद्योग एवं व्यापारिक परिचालनों का कुछ भाग विस्तारित कर पहाड़ के युवाओं का पलायन रोकने एवं गांव के विकास को नई गति देने की इच्छा व्यक्त की, ताकि क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा दिया जा सके।


बैठक के दौरान, डॉ. त्रिपाठी ने एमपी भट्ट के इस निर्णय की प्रशंसा की कि वे अपनी कुछ वाणिज्यिक गतिविधियों को अपने पैतृक गांव में स्थापित कर स्थानीय विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे। जिसके लिए उन्होंने शासन एवं प्रशासन स्तर पर संपूर्ण सहयोग का उन्हें आश्वासन भी दिया। बैठक के दौरान बांस की खेती तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने का भी निर्णय लिया गया ।
डॉ. त्रिपाठी ने स्थानीय उत्पादन के महत्व पर भी जोर दिया, इस दौरान
चंद्रबदनी मंदिर के स्थल पर पॉलिथीन के प्रयोग से हो रहे भारी प्रदूषण को लेकर भी चिंता व्यक्त की गयी। प्लास्टिक और पॉलिथीन का प्रयोग कम से कम करने का भी ग्रामीणों ने संकल्प लिया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों में बीडीओ वीरेंदर कथैत, ग्राम विकास अधिकारी राजेंदर बलूनी और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि हरीश भट्ट शामिल थे।

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