उत्तराखण्ड

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला को सही परामर्श नहीं दिए जाने तथा कई अस्पतालों में भटकने के बाद महिला ने एंबुलेंस में ही दिया बच्चे को जन्म……. दंपत्ति ने लगाया यह आरोप……

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं अब भी बदहाल है यहां चंपावत के पाटी ब्लॉक के सकदेना निवासी 22 वर्षीय हेमा पत्नी दीपक चंद को डॉक्टरों ने जनवरी माह में डिलीवरी की तारीख दी थी। दर्द होने की वजह से वह रात करीब दस बजे पाटी के पीएचसी पहुंची। जहां डॉक्टरों ने उसे यह कह कर हायर सेंटर रेफर कर दिया कि बच्चे की धड़कन में दिक्कत है। जिसके बाद वह अपने पति के साथ करीब एक बजे जिला अस्पताल पहुंची, लेकिन यहां भी डॉक्टरों ने बगैर उपचार के उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया।
एंबुलेंस से हायर सेंटर जाते वक्त रात तीन बजे सूखीढांग के बाद गर्भवती हेमा ने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। जिसके बाद गर्भवती को टनकपुर उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। दीपक के भाई चंद्रशेखर व भाभी सुनीता ने डॉक्टरों पर अनदेखी का आरोप लगाया है।
विदित रहे कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भले ही लाख दावे करती हो लेकिन धरातल की हकीकत कुछ और ही है। आए दिन पहाड़ों में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के चलते ग्रामीणों को होने वाली दिक्कतों की बानगी इस बात को बयां करती है। चंपावत के पाटी क्षेत्र में एक गर्भवती महिला को पीएचसी और जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बिना इलाज के ही हायर सेंटर रेफर कर दिया,
जिसकी वजह से हायर सेंटर के लिए जाते वक्त उसे रास्ते में एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। हालांकि बच्चा स्वस्थ बताया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जच्चा-बच्चा दोनों का टनकपुर उप जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है।

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